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घण्टाघर के सौंदर्यीकरण, भव्य रूपांतरण एवं स्वचालित प्रकाश व्यवस्था का विधिवत शुभारंभ किया

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून के ऐतिहासिक घण्टाघर के सौंदर्यीकरण, भव्य रूपांतरण एवं स्वचालित प्रकाश व्यवस्था का विधिवत शुभारंभ किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के लिए निर्मित चार अत्याधुनिक “हिलांस-कम-किचन आउटलेट्स” का भी लोकार्पण किया। यह पहल महिला सशक्तिकरण, स्वरोजगार और स्थानीय पहाड़ी उत्पादों के प्रचार-प्रसार को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई है।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “घण्टाघर” देहरादून की पहचान है। इसका यह नवीन एवं आकर्षक स्वरूप न केवल पर्यटकों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी गर्व की अनुभूति कराएगा। स्वचालित प्रकाश व्यवस्था से यह स्थल रात्रि में भी जीवंत रहेगा और शहर की नाइटलाइफ में भी नया रंग भरने का कार्य करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की पहल न केवल शहर के सौंदर्य को बढ़ाती हैं, बल्कि नागरिकों में स्वच्छता, संरक्षण और अपने शहर के प्रति जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करती है। लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इस ऐतिहासिक धरोहर का जीर्णोद्धार कर इसे एक भव्य एवं आधुनिक स्वरूप प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज जनपद देहरादून में चार स्थानों पर हिलांस कैंटीन का लोकार्पण भी किया जा रहा है। यह कैंटीन कलेक्ट्रेट, कोरोनेशन अस्पताल, गुच्चुपानी और आईएसबीटी में स्थापित की गई हैं। ये कैंटीन न केवल आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण वस्तुएं उपलब्ध कराएंगी, बल्कि हमारे स्वयं सहायता समूहों की बहनों को स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त बनाएंगी। यह पहल मातृशक्ति के सशक्तिकरण के साथ-साथ स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। हिलान्स आउटलेट्स के माध्यम से महिलाओं को न केवल स्वरोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि उत्तराखण्ड के पारंपरिक एवं जैविक उत्पादों को भी नया बाजार मिलेगा।

मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि आज देहरादून में बाल भिक्षावृत्ति निवारण के लिए भी एक विशिष्ट प्रयास किया जा रहा है, जिसके माध्यम से बालक-बालिकाओं को “भिक्षा की विवशता से निकालकर शिक्षा के अधिकार” से जोड़ा जाएगा। इस कार्यक्रम के अंतर्गत तीन रेस्क्यू वाहनों के साथ अंतरविभागीय टीम गठित की गई है। होमगार्ड, चाइल्ड हेल्पलाइन, शिक्षा विभाग, श्रम विभाग, पुलिस विभाग और कई गैर-सरकारी संस्थाओं को इस टीम में सम्मिलित किया गया है। खुशी की बात है कि यह टीम पहले चरण में 51 बच्चों को रेस्क्यू कराकर विभिन्न स्कूलों में दाखिला दिला चुकी है। आज दूसरे चरण में 31 बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय परेड ग्राउंड और साधूराम इंटर कॉलेज में दाखिला दिलाया गया है। रेस्क्यू किए बच्चों के लिए डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की लागत से साधूराम इंटर कॉलेज में इंटेसिव केयर सेंटर का निर्माण भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने इस प्रयास को तब तक जारी रखेंगे, जब तक हमारे राज्य का प्रत्येक बच्चा स्कूल नहीं जाने लगता। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन एवं सहयोग से हमारी सरकार उत्तराखण्ड के समग्र विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही है। चाहे वो राज्य के बुनियादी ढांचे का विकास हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार हो, या युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित करना हो। हम देहरादून को एक आधुनिक और विकसित शहर बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ निरंतर कार्य कर रहे हैं। आज देहरादून में लगभग 14 सौ करोड़ रुपये की लागत की विभिन्न विकास परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर शहर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है, वहीं निजी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए 11 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण भी किया गया है। हम देहरादून में ट्रैफिक और पार्किंग की समस्या के स्थायी समाधान हेतु योजनाबद्ध तरीके से निरंतर प्रयासरत हैं। इसके लिए, हम विभिन्न स्थानों पर भूमिगत पार्किंग का निर्माण करा रहे हैं, वहीं ट्रैफिक दबाव को कम करने के लिए रिस्पना और बिंदाल नदियों के ऊपर एलिवेटेड रोड के निर्माण की योजना भी तैयार की जा रही है।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, श्री सुबोध उनियाल, विधायक श्री खजान दास, प्रशासनिक अधिकारी, स्थानीय व्यापारीगण एवं बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे।

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