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धामी सरकार का धाकड़ फैसला, उत्तराखंड की जनता को दिया “तोहफा”जो प्रदेश का मुखिया ना कर पाया , वह इस “मुख्य सेवक’ ने कर दिखाया

जरूरी नहीं स्थायी निवास प्रमाणपत्र

उत्तराखंड के मूल निवासियों के लिए

जरूरी नहीं स्थायी निवास प्रमाणपत्र

-मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर जारी हुआ शासनादेश

देहरादून। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि उत्तराखंड वासियों के हितों की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य के मूल निवास प्रमाणपत्र धारकों को स्थायी निवास प्रमाणपत्र के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सचिव विनोद कुमार सुमन ने आज सभी सम्बंधित विभागों को इस संबंध में आदेश जारी किया है। उन्होंने कहा है कि शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया था कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं और अन्य विभिन्न कार्यों के लिए राज्य के मूल निवास प्रमाणपत्र धारकों को सम्बन्धित विभागों, संस्थाओं व संस्थानों द्वारा स्थायी निवास प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है।

यहां उल्लेखनीय तथ्य यह है कि मूल निवास प्रमाणपत्र धारकों के लिए स्थायी निवास प्रमाणपत्र की अनिवार्यता न होने का स्पष्ट शासनादेश पूर्व में जारी होने के बावजूद इस पर अमल नहीं किया जा रहा था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गम्भीरता से लेते हुए शासनादेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री के सख्त होने पर विभाग हरकत में आया है।

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