हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी की ओर से मुक्ति योजना के तहत देश विदेश में रह रहे लोगों को घर बैठे ही अस्थि विसर्जन करने की सुविधा प्रदान करने की एक योजना है जिसका नाम मुक्ति योजना है जिसमें जिसमें घर बैठकर ही लाइव वीडियो भी देख सकते हैं। परिजनों को अस्थियों को हरिद्वार स्थित अकादमी के कार्यालय पर कोरियर के माध्यम से भेजना होगा इसके बाद पुरोहितों के माध्यम से अस्थियों का विसर्जन कराएगी विदेशों में रह रहे प्रवासियों के लिए संस्कार शुल्क $100 डॉलर रखा गया है। जिसका विरोध श्री गंगा सभा ने कर दिया है । श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों का कहना है कि संस्कृत आदमी अपने उद्देश्य से भटक रही है। हजारों वर्ष से हरिद्वार का तीर्थ पुरोहित इस कार्य को कर रहे हैं। अकादमी का जो कार्य है वह एकेडमी करें इसको व्यवसायीकरण ना करें। इसका कड़ा विरोध करते हैं।
