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पिता की हत्या में बेटे सहित चार को 10-10 साल की सजा

– मृतक की पत्नी भी थी आरोपी, लेकिन पहले ही हो चुकी है मौत

हरिद्वार। धारदार हथियार से हत्या करने के मामले में मृतक के बेटे समेत
चार आरोपियों को दोषी पाया है। द्वितीय अपर जिला जज बीबी पांडेय ने की
अदालत ने चारों आरोपियों को 10-10 साल की कारावास और 70 हजार रुपये के
जुर्माने की सजा सुनाई है।

शासकीय अधिवक्ता विनय कुमार गुप्ता के मुताबिक लाल सिंह सहारनपुर यूपी
में विकास भवन में नौकरी करता था। 19 फरवरी 2010 में थाना कोतवाली गंगनहर
रुड़की क्षेत्र से डयूटी के लिए जा रहा था। उसी दिन सुबह सात बजे तीन
मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने गांव पुहाना से आगे उसे गोली मार दी।
घायलावस्था में उसे हायर सेंटर दून अस्पताल में भर्ती कराया गया। दस दिन
बाद लाल सिंह दून अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर आए। उसी रात तीन अज्ञात
बदमाशों ने उसकी गर्दन पर तेज धारदार हथियार से हमला कर मार डाला।

पत्नी कुसुम के शोर मचाने पर पुत्र रामभूल और पुत्रवधू मौके पर आ गई थी।
उन्होंने हमलावरों को पहचान लिया था। मृतक लाल सिंह की पत्नी कुसुम ने
कोतवाली गंगनहर रुड़की में अभियुक्त छोटा उर्फ गौतम, सुमेरचंद उर्फ सुक्खा
और इसम सिंह के खिलाफ घर में घुसकर हत्या करने की धाराओं में केस दर्ज
कराया था। पुलिस विवेचना में मृतक लाल सिंह की पत्नी कुसुम और पुत्र
रामभूल को भी हत्या में शामिल होना पाया था। विवेचक ने छोटा उर्फ गौतम
निवासी ग्राम बेहड़की सैदाबाद थाना झबरेड़ा, सुमेरचंद उर्फ सुक्खा निवासी
ग्राम मौलना थाना झबरेड़ा, इसम सिंह निवासी ग्राम पनियाला कोतवाली गंगनहर,
मृतक के पुत्र रामभूल व उसकी पत्नी कुसुम के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र
दाखिल किया था। सरकारी पक्ष ने साक्ष्य में 12 गवाह पेश किए। मृतक की
पत्नी भी आरोपी थी, लेकिन उसकी मृत्यु होने पर उसके खिलाफ केस खत्म कर
दिया गया था।

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