हरिद्वार || उत्तराखंड संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित जनपद स्तरीय प्रतियोगिता के वरिष्ठ वर्ग से संबंधित कार्यक्रमों का उद्घाटन उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के व्यास मंडपम में हुआ।
जनपद स्तरीय प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के सचिव एस.पी. खाली, पतंजलि योगपीठ के स्वामी आदित्य देव, संस्कृत अकादमी के वित्त अधिकारी एस.पी. डबराल, प्रतियोगिता के राज्य संयोजक डॉ हरीश गुरुरानी, संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक एवं सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ वाजश्रवा आर्य ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर किया। वरिष्ठ वर्ग के समूह नाटक प्रतियोगिता में पतंजलि सन्यास आश्रम गुरुकुलम बहादराबाद प्रथम,श्री भगवान दास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार द्वितीय, मारवाड़ इंटर कॉलेज रुड़की तृतीय,संस्कृत समूह गान प्रतियोगिता में आचार्य कुलम प्रथम, देव संस्कृति विश्वविद्यालय द्वितीय, आर्य कन्या इंटर कॉलेज रुड़की तृतीय, संस्कृत समूह नृत्य प्रतियोगिता में पतंजलि विश्वविद्यालय प्रथम, आर्य कन्या इंटर कॉलेज रुड़की द्वितीय, के वी इंटर कॉलेज लक्सर तृतीय,संस्कृतवाद विवाद प्रतियोगिता में श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार प्रथम, पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार द्वितीय, आर. एन. आई.इंटर कॉलेज खानपुर तृतीय, संस्कृत आशु भाषण प्रतियोगिता में ऋषि संस्कृत महाविद्यालय खड़खड़ी हरिद्वार प्रथम, श्री भगवानदास आदर्श संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार द्वितीय, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज मंगलौर तृतीय,एवं श्लोकोच्चाचरण प्रतियोगिता में पतंजलि विश्वविद्यालय बहादराबाद प्रथम, श्री जय भारत साधु संस्कृत महाविद्यालय हरिद्वार द्वितीय,अटल आदर्श राजकीय बालिका इंटर कॉलेज भौंरी तृतीय स्थान पर रहे। समापन अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक रोहिताश्व कुंवर ने कहा कि छात्रों को प्रतियोगिता में प्रतिभाग करना महत्वपूर्ण है छात्रों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए जी तोड मेहनत करनी होगी उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा ने आदिकाल से समाज का मार्गदर्शन किया है आज भी संस्कृत सभी वर्गों को जोड़ने की सामर्थ्य रखती है सम्पूर्ण विश्व को एक सूत्र में पिरोकर वसुधैव कुटुंबकम् की भावना संस्कृत में निहित है। संस्कृत और भारतीय संस्कृति जीवन जीने के लिए श्रेष्ठ है। सहायक निदेशक संस्कृत शिक्षा डॉ वाजश्रवा आर्य ने कहा कि संस्कृत भाषा को आज विश्व अपना रहा है जब जब विश्व अशांत होता है तब तब दुनिया भारत की ओर देखती है इसके पीछे भारत की संस्कृति है संस्कृत है तो संस्कृति है इसलिए नई पीढ़ी को संस्कृत शिक्षा की ओर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि संस्कृत प्रतियोगिता से छात्र संस्कारों को भी सीखते हैं उन्होंने जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं एवं बधाइयां दी। जनपद संयोजक डॉ नवीन पंत ने बताया कि प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सभी प्रतिभागी प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभा करेंगे कार्यक्रम का संचालन सहसंयोजक डॉक्टर विजय त्यागी ने किया किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ हरीश तिवारी, डॉ निरंजन मिश्र, डॉ शैलेश तिवारी, डॉ प्रतिभा शुक्ला, डॉ दामोदर परगाई,डॉ कंचन तिवारी, डॉ दीपशिखा, श्यामलाल गौड़, केशव बलयानी, चंद्र प्रकाश पांडे, चम्पा जोशी, ललिता चौहान, राकेश मढ़वाल, गीता जोशी सहित सभी खंड संयोजक उपस्थित रहे।