स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों पर चलकर होगा राष्ट्र का कल्याण: श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री डोलीराम के पुत्र बालकिशन को किया सम्मानित
प्रो. बत्रा ने छात्र-छात्राओं को तिरंगा देकर किया हर घर तिरंगा यात्रा का शुभारम्भ
अगस्त क्रान्ति के शुभ अवसर पर महाविद्यालय में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारियों का सम्मान समारोह कार्यक्रम का आयोजन शौर्य दीवार पर नमन कर किया गया।
इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के आदर्शों पर चलकर ही होगा राष्ट्र का कल्याण सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने आह्वान किया कि स्वतंत्रता समानता और बन्धुत्व के मूल्यों को समाज में समाहित कर ही भारत एक उन्नत राष्ट्र बन सकता है। श्री महन्त ने इस अवसर पर अगस्त क्रान्ति के कार्यक्रम को महाविद्यालय में आयोजित करने हेतु महाविद्यालय परिवार को साधुवाद दिया।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि 09 अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरूआत हुई थी और आज आवश्यकता इस बात की है कि हम एक राष्ट्र के तौर पर भारत छोड़ो आन्दोलन के मूल्यों और सरोकारों को आधुनिक समाज में आत्मसात करें। उन्होंने इस अवसर पर भारत छोड़ो आन्दोलन भारत के विभिन्न सामाजिक समूहों विशेषकर भारत के राजनीतिक नेतृत्व जैसे महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू तथा सरदार बल्लभ भाई पटेल के योगदान का स्मरण किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि महाविद्यालय परिवार व काॅलेज छात्र-छात्राओं को तिरंगा देकर हर घर तिरंगा यात्रा का प्रारम्भ किया। उन्होंने कहा कि आन्दोलन के महत्व को बताने हेतु कृत संकल्प है जिससे युवा पीढ़ी यह जान सके कि स्वतंत्रता कितने संघर्षों के बाद इस देश को मिली है और इसके साथ-साथ वह राष्ट्र जीवन के महत्वपूर्ण अंग , राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझ सके। इससे पूर्व स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री डोलीराम जी के पुत्र बालकिशन को शाॅल प्रदान कर महाविद्यालय द्वारा सम्मानित किया गया।
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि भारत छोड़ों आन्दोलन यद्यपि असफल रहा परन्तु अंग्रेज शासक इस बात को निर्णायक तौर पर समझ गये कि भारत को अब आजादी देनी होगी। मुख्य खेलकूद अधीक्षक प्रो. तेजवीर सिंह तोमर ने क्रान्तिकारियों के योगदान व बलिदान की सराहना की।
इस अवसर पर प्रो. जगदीश चन्द्र आर्य, डाॅ. नलिनी जैन, श्रीमती रिंकल गोयल, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, विनीत सक्सेना, डाॅ. राघवेन्द्र सिंह, डाॅ. पदमावती तनेजा, मोहन चन्द पाण्डेय, हेमवती, मोनू राणा, विशाल कुमार, सुशील राठौर सहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे।