हरिद्वार। लालढांग से कांडा जा रही बरात की बस दुर्घटना में चालक की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। बस की कमानी खराब थी। कमानी खराब होने से बस रास्ते में कई जगह पर अनियंत्रित हुई। लेकिन चालक हर बार कमानी में ठोकपीट कर जुगाड़ कर उसे चलाता रहा। सिमली के पास कमानी का पट्टा टूट गया। बस चालक की साइड झुक और पलक झपकते ही खाई में जा घुसी।
बरात की बस का रजिट्रेशन हल्द्वानी से है। बस कोटद्वार से किराए पर आई थी। बस का चालक दिनेश गुसाईं और परिचालक भी कोटद्वार के ही हैं। इसमें चालक की मौत हो गई। जबकि परिचालक ने खिड़की से कूदकर जान बचा ली। बस में सवार सकुशल लालढांग लौटने वाले धनवीर ने बताया कि बस रास्ते में कई जगह रुकते रुकते गई। बस चालक कई बार नीचे उतरा और कमानी में काम ठोक पीट कर फिर बस चलाते रहा। बस गिरने से पहले काफी तेज आवाज हुई। आवाज सुनकर किसी को समझने का मौका तक नहीं मिला। कमानी का पट्टा टूटते ही बस चालक की साइड झुक गई और नीचे चली गई।
धनवीर ने बताया कि बस की तीन पलटियां खाने पर वह छटककर बस से बाहर आ गया। इसके बाद उसे बस नजर नहीं आई। बस की आवाज ही सुनी। धनवीर ने बताया कि कुछ समय बाद सड़क से लोगों के चिल्लाने की आवाज आने लगी और लोग बचाव के लिए सड़क से नीचे उतरने लगे। दूल्हे की कार चालक धर्मेंद्र उपाध्याय ने बताया कि बस में कमानी की दिक्कत की जानकारी होने से बाराती अनजान थे। चालक ने रिगड़ीखाल में बस रोकी और एक मिस्त्री को दिखाया। मिस्त्री ने कमानी के पट्टे में कुछ ठोक कर जुगाड़ बना दिया। जिससे बस के एक साइड लहराने की दिक्कत कुछ हद तक कम हो गई। लेकिन मोड़ पर कमानी के पट्टे पर दबाव पड़ने से वह टूट गया और बस खाई में समा गई। धर्मेंद्र ने बताया कि बस चालक की लापरवाही से न केवल उसकी जान चली गई, बल्कि बाराती मौत के मुंह में समा गए।