धर्मनगरी हरिद्वार में वट अमावस्या पर हर की पैड़ी पर ब्रह्मकुंड पर श्रद्धालु डुबकी लगाई। सुबह से ही बाहर से आए तीर्थयात्रियों ने मां गंगा का पूजन कर स्नान किया। स्नान के बाद महिलाओं में वट वृक्ष की पूजा की । नारायण ज्योतिष संस्थान के संस्थापक आचार्य विकास जोशी ने बताया कि वट अमावस्या अमावस्या में सबसे बड़ी अमावस्या होती है। यह अमावस्या बड़ों की अमावस्या कहा जाता है। इस अमावस्या के दिन स्नान करने से पित्र प्रसन्न होते हैं आशीर्वाद देते हैं ऐसी मान्यता है कि पितरों का तर्पण करने से विशेष फल प्राप्त होता है। वट सावित्री व्रत पर महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए व्रत रखती है कुंवारी कन्या मनचाहा वर पाने के लिए इस वृक्ष की पूजा करती है।
