हरिद्वार।। गुरुकुल कांगड़ी सम- विश्वविद्यालय के डिपार्मेंट आफ बॉटनी एंड माइक्रोबायोलॉजी में डॉ सहायक प्रोफेसर हरिश चंद्रा द्वारा दो दिवसीय “रोग निदान के लिए प्रतिरक्षा विज्ञान तकनीक” पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें अनेक संस्थाओ के 90 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया और रोग निदान के लिए अनेक प्रतिरक्षा विज्ञान तकनीक सिखाई गई। कार्यशाला का शुभारंभ मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया । डीन प्रोफेसर डॉ नमिता जोशी ने कहा कि ऐसी कार्यशाला छात्र-छात्राओं के लिए काफी लाभदायक है। ग्लोबल यूनिवर्सिटी बनाने के लिए संस्थान में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा विकसित करने की जरूरत है। ऐसी कार्यशाला विभाग में होती रहनी चाहिए।
विभाग के हेड, प्रोफेसर मुकेश कुमार ने कहा कि ऐसी कार्यशाला छात्र-छात्राओं का ज्ञानवर्धक करती है। इस कार्यशाला के माध्यम से छात्र-छात्राएं सीखेंगे की कैसे हम किसी बीमारी का किस तकनीक से पता लगा सकते हैं और कार्यशाला कराने के लिए शिक्षक एवं शिक्षोत्तर कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया और सभी विद्यार्थियों को इसका लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यशाला में प्रोफेसर आर. सी. दुबे ने “वेद मे इम्यूनोलॉजिकल टेक्निक्स फॉर डिजीज डायग्नोसिस” पर एक लेक्चर भी दिया। जिसमे बताया की रोग निदान के लिए प्रतिरक्षा हमारे शरीर में ही होती हैं बस हमे पहचानने की जरूरत है और बताया की रोग प्रतिरोध क्षमता का जिक्र वेदों में भी किया गया है, रोग प्रतिरोध क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत सारी वनस्पतियों का भी जिक्र किया गया है यह वनस्पति अनेक रोग ठीक करने में काम आती है इनका काम रूप प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाना भी है कार्यशाला के संयोजक डॉ हरिश चंद्रा ने कार्यशाला में कई तरह के “रोग निदान के लिए प्रतिरक्षा विज्ञान तकनीक” करने की बात कहीं। सभी प्रतिभागियों ने कार्यशाला को काफी उपयोगी व ज्ञानवर्धक बताया। कार्यशाला के दौरान डॉ कार्तिकेय गुप्ता, डॉ चिरंजिब् बेनर्जी, डॉ वीरेंद्र वाहला , डॉ कल्पना सागर, काजल, हिमानी, विजेता, सागर, सुमित, शुभम, शगुन आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर हरिश चंद्रा ने किया।