वरिष्ठ नागरिक सामाजिक संगठन ने बिजली की दरों में अधिक वृद्धि करने पर जनता पर अवैध सरचार्ज का बोझ बढ़ाने की बात कही है। संगठन ने इसको लेकर कड़ी आपत्ति जताई है। पूर्व में कई बार मांग उठाने के बाद भी जनता की समस्याओं को दूर न करने पर भी रोष व्यक्त किया है।
अध्यक्ष चौधरी चरण सिंह ने जल संस्थान की लापरवाही के कारण पानी की टंकी खराब पड़ी है। जिससे प्रेशर कम है। प्रेशर बढ़ाने के लिए बिजली की मोटर का सहारा लेना पड़ता है। इससे आर्थिक बोझ और बढ़ जाता है। क्षेत्रीय जनता और संगठन ने जल मूल्य वृद्धि कम कराने के लिए शांतिपूर्ण धरने और प्रदर्शन किए। संज्ञान लेकर सरकार ने समिति का गठन किया। जिसका अध्यक्ष पूर्व मंत्री एवं हरिद्वार विधायक मदन कौशिक को बनाया गया। जिससे जनता को जल मूल्य कम होने की बड़ी उम्मीद थी। लेकिन वही ढाक के तीन पात रहा।
कहा कि वर्तमान में जल मूल्य बढ़ते-बढ़ते पहले के जल मूल्य से 10 गुना न्यूनतम 3000 वार्षिक हो गया है। जिससे जनता में आक्रोश है। इसी प्रकार बिजली की प्रति यूनिट कीमत अधिकतम 6.30 पैसे होने के बाद भी उस पर प्रति यूनिट विद्युत का फ्यूल चार्ज एवं फिक्स चार्ज लगा दिया। यह अवैध चार्ज उपभोक्ता पर थोपना अन्याय है। उत्तराखंड राज्य में विद्युत का उत्पादन हाइड्रो प्रोजेक्ट से काफी हो रहा है। फिर भी जनता पर यह अवैध सर चार्ज क्यों लगाया जा रहे हैं। नाराजगी जताने वालों में विद्यासागर गुप्ता, आरके शर्मा, शिवचरण, एससीएस भास्कर, हरदयाल अरोड़ा, वीसी गोयल, हरीश चावला, सुखबीर सिंह, योगेंद्र सिंह राणा, प्रेम कुमार भारद्वाज, सीताराम, अशोक पाल आदि शामिल रहे।