जिला पंचायत सदस्य पद के लिए फिर से चुनावी मैदान में आए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष व बसपा के प्रत्याशी सुभाष वर्मा समेत 9 प्रत्याशियों का नामांकन पत्र निरस्त कर दिए गए। पर्चा निरस्त होने पर पार्टी ने अब उनके बेटे नवनीत सिंह पर दांव खेला है। वहीं, रात 12 बजे के बाद पर्चा निरस्त होने पर सुभाष वर्मा ने सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जानबूझकर उनका नामांकन निरस्त किया गया है। जिसको लेकर वह हाईकोर्ट जा रहे हैं।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने भगवानपुर ब्लॉक क्षेत्र की मानकपुर आदमपुर सीट से अपना नामांकन किया। बसपा की ओर से उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया गया। नौ सितंबर से 11 सितंबर तक नामांकन पत्रों की जांच की गई। जिसमें मानकपुर आदमपुर से बसपा प्रत्याशी के सुुुुभाष वर्मा के नामांकन पर मानकपुर आदमपुर के राजेंद्र सिंह ने दो पत्नियां होने के कारण उनका पर्चा निरस्त करने के लिए आपत्ति दर्ज की। जिसे डिप्टी कलेक्टर और चुनाव अधिकारी व्रिजेेश तिवारी ने सही मानते हुए सुुभाष वर्मा का नामांकन निरस्त कर दिया।
हालांकि, नामांकन पत्र निरस्त करने की घोषणा रात 12:00 बजे के बाद की गई। जिससे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने चुनाव अधिकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि उनका नामांकन पत्र सरकार के इशारे पर किया गया है। जिससे वह चुनाव अधिकारी के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट जा रहे हैं। उधर, जब इस बाबत डिप्टी कलेक्टर और चुनाव चुनाव अधिकारी व्रिजेश तिवारी से पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए।