काली हरिद्वार । यह कहानी है उस लड़के की जिसने 18 साल की उम्र से जनता की समस्याओं के लिए निरंतर संघर्ष किया । हम बात कर रहे हैं मेयर के पति अशोक शर्मा की । मेयर पति अशोक शर्मा 32 साल से सक्रिय राजनीति कर रहे हैं । सन 1989 में अशोक शर्मा कनखल राजघाट से पहला सभासद का चुनाव लड़े थे जिसमें में तीसरे नंबर पर आए थे । सन 1995 में सभासद का चुनाव लड़े और दूसरे नंबर पर आए। सन 2003 में अनीता शर्मा को टिकट मिला जिसमें उनको जीत मिली । सन 2008 में सभासद के लिए खड़े हुए अशोक शर्मा को फिर जीत मिली। सन 2012 में विधायक का चुनाव लड़ा उसमें उनको हार का सामना करना पड़ा। सन 2013 में वे फिर पार्षद का चुनाव लड़े और विजय हासिल करी । और अब बात सन 2018 की जब कांग्रेस ने उनकी धर्मपत्नी मेयर अनीता शर्मा को टिकट दिया और उन्होंने भाजपा की मजबूत प्रत्याशी अनु कक्कड़ को चुनाव में हराया। कहीं ना कहीं निगम चुनाव को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की साख से जोड़कर देखा जा रहा था। जब हमारे संवाददाता ने मेयर पति अशोक शर्मा से प्रश्न किया कि अगर पार्टी आपको 2022 में मौका देती है तो जनता के बीच आप किन मुद्दों को लेकर जाओगे ? उन्होंने कहा कि पार्टी और जनता ने मुझे अगर अफसर दिया जनता मेरे किए गए कार्यों के लिए मुझे हमेशा मुझे याद करेगी मैं ऐसा उदाहरण पेश करूंगा कि शायद अभी तक किसी ने ना किया हो। हरिद्वार में सरकारी पैसा बहुत आता है लेकिन उस पैसे को लगाने के लिए सरकार के पास कोई प्लान नहीं है ना उसमें गुणवत्ता का ख्याल रखा जाता है। क्योंकि माननीय अपने अपने लोगों को ठेका दिलवा रहे हैं घर पर बैठकर टेंडर हो रहे हैं तो किस प्रकार से सही विकास हो पाएगा अब समय आ गया है जो एक बदलाव का है। दूसरा प्रश्न-जिन मुद्दों को लेकर आपकी पत्नी को जनता ने शहर का मेयर बनाया है क्या आप जनता की भावनाओं पर खरे उतर पाए हो ? अशोक शर्मा ने कहा कि हमारी मेहनत कोई कमी नहीं है लेकिन भाजपा की सरकार ने जो अधिकारी नियुक्त किए हैं उनके असहयोग की वजह से कार्य धीमी रफ्तार से चल रहे हैं। लेकिन अपनी तरफ से हम कोई भी कमी नहीं छोड़ते। तीसरा प्रश्न- मेयर के कार्यकाल को ढाई साल बाकी है इसमें ऐसा कौन सा कार्य है जो आपका ड्रीम प्रोजेक्ट है ? उन्होंने कहा कि शहर की स्वच्छता , जलभराव की समस्या से निजात, स्वच्छ वातावरण यह मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है।
