Haridwar Special Reports

फोटोग्राफी डे विशेष-हरिद्वार फोटोजर्नलिज्म में इन सात फोटोजर्नलिस्ट ने कमाया नाम हर कोई करता है सलाम(संदीप शर्मा, रामेश्वर गोड, नरेश दीवान शैली, संतोष उपाध्याय, रविंद्र सिंह, तनवीर अली, वासुदेव राजपूत)

काली हरिद्वार। आज पूरे वर्ल्ड में फोटोग्राफी डे मनाया गया हर किसी ने अपने अपने तरीके से फोटोग्राफर ने सेलिब्रेट किया लेकिन आज हम बात कर रहे हैं हरिद्वार के इन सात फोटोजर्नलिस्ट की जिन्होंने अपने संघर्ष अपनी किस्मत को बदला कैमरे के पीछे रहते हुए भी औरों के लिए प्रेरणा बने। सबसे पहले बात करते हैं हम संदीप शर्मा जी की संदीप शर्मा जी ने एक लंबे समय तक एक बड़े अखबार में अपनी सेवाएं दी और आज भी निरंतर वह सेवाएं दे रहे हैं संदीप शर्मा जी की खास बात यह है कि उनके पूरे जीवन में कोई यह नहीं कह सकता कि उन्होंने किसी की चाय भी पी हो अगर हरिद्वार की पत्रकारिता में ईमानदारी की बात की जाएगी तो उसमें से एक नाम संदीप शर्मा जी का सबसे प्रथम होगा। दूसरी बात करते हैं रामेश्वर गॉड जी की जोकि हर की पैड़ी से अपने करियर की शुरुआत की थी लेकिन फिर वह प्रेस फोटोजर्नलिस्ट बने उसके बाद एक बड़ी संस्था के रिसीवर बने और गंगा के लिए भी निरंतर काम कर रहे हैं अब लोग उनको गंगा पुत्र के नाम से भी जानते हैं। फिर बात करते हैं नरेश दीवान शैली जिन का सिक्का सरकारी तंत्र से लेकर इंग्लिश अखबार की दुनिया में चलता है और उनकी खास बात यह है कि अपने काम के आगे अपनी उम्र को आने नहीं देते जिस जगह 18 साल का युवा भी चढ़ नहीं पाता वह आज भी उस जगह चढ़कर फोटोग्राफी को करते हैं। फिर बात करते हैं संतोष उपाध्याय जी की जो कि वर्तमान में राष्ट्रीय सहारा में सेवाएं दे रहे हैं उनका बेबाक बोलना ही उनको खास बनाता है। दिल के साफ हैं जो कहना है मुंह पर कहते हैं और अपने व्यवहार से और अपनी मजाक से सबका दिल जीत लेते हैं। और अब बात करते हैं रविंद्र सिंह की एक बेहतरीन फोटोजर्नलिस्ट अपनी सेवा हिंदुस्तान में दे रहे हैं। उनका संघर्ष सुनकर हर कोई उनको सलाम करता है कई साल तक एक अखबार में बिना रुके बिना थके काम करना ही अपने में बहुत बड़ी चीज होती है। अपने सिद्धांतों पर चलना ही उनको खास बनाता है। और एक हैं हमारे तनवीर अली जोकि सौहार्द का प्रतीक है इस सारे फोटोग्राफरों की कमी अकेले ही पूरी करने का माद्दा रखते हैं इनका व्यवहार इनको खास बनाता है क्योंकि खबर लिखते वक्त मैं किसी जाति ना धर्म को सिर्फ अपने पत्रकार को जगाए रखते हैं और इसीलिए इनको हर धर्म के लोग प्रेम करते हैं। और लास्ट में बात करते हैं वासुदेव राजपूत की जिसने अखबार के फोटोग्राफर से अखबार के प्रभारी बनने तक का सफर तय किया। वासुदेव कि काम करने की शैली उसको बहुत खास बनाती है ‌।

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