राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा 24 अप्रैल को आयोजित की जा रही चारधाम यात्रा मॉक ड्रिल को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों ने मॉक ड्रिल के सफल संचालन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। ओरियंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस में आज चारधाम यात्रा से जुड़े सभी जनपदों के अधिकारी तथा विभिन्न रेखीय विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
एनडीएमए के सीनियर कंसलटेंट मेजर जनरल सुधीर बहल (अ.प्रा) ने मॉक ड्रिल के आयोजन तथा संचालन को लेकर विस्तार से जानकारी दी। मेजर जनरल बहल ने कहा कि आपदा प्रबंधन किसी एक व्यक्ति या विभाग का कार्य नहीं है, बल्कि इसमें सामूहिक सहभागिता जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी हितधारकों को एक मंच पर लाकर आपदाओं का सामना करने के लिए उनकी क्षमताओं और तैयारी को परखना तथा उनमें वृद्धि करना है।
उन्होंने बताया कि यह मॉक ड्रिल आईआरएस यानी घटना प्रतिक्रिया प्रणाली के तहत संचालित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आईआरएस एक ऐसी प्रणाली है, जिसे अपनाकर प्रभावी तरीके से आपदाओं का सामना किया जा सकता है। आईआरएस में सभी अधिकारियों तथा विभागों की कर्तव्य एवं दायित्वों का स्पष्ट निर्धारण किया गया है। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन विभाग तथा अन्य फोर्सेज के अधिकारी ऑब्जर्वर की भूमिका निभाएंगे। इस मॉक ड्रिल का संचालन यूएसडीएमए स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से किया जाएगा।
इस दौरान बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी, वित्त नियंत्रक श्री अभिषेक कुमार आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद ओबैदुल्लाह अंसारी, एसपी जया बलूनी, यूएलएमएमसी के निदेशक श्री शांतनु सरकार, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी श्री राकेश मोहन खंकरियाल, सेना, पैरामिलिट्री फोर्सेज के अधिकारी, यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू प्रिपेयर के विशेषज्ञ और कर्मचारी उपस्थित रहे।