हरिद्वार। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन ने जिले में भारी बारिश के चलते किसानों की बर्बाद हुई फसल के मुआवजे की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री से की है। फसल खराब होने के चलते काश्तकारों को परेशानियां झेलनी पड़ रही है। भारतीय किसान मजदूर उत्थान यूनियन के राष्ट्रीय संरक्षक एवं मातृ सदन के स्वामी शिवानंद ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र में कहा कि उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश से किसानों को भारी नुकसान पहुंचा है। बारिश से खेतों में पानी भर गया है। वहीं नकदी फसल भी खराब होने लगी है। जिससे काश्तकारों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। पहले काश्तकारों को बेमौसमी वर्षा और अब अधिक वर्षा की मार झेलनी पड़ रही है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से बाढ़ पीड़ित किसानों को तत्काल उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए। कृषि विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक 35 फीसदी से ज्यादा के क्रॉप लोन लेने की फसल के नुकसान की स्थिति में असिंचित भूमि पर 8500 रुपए प्रति हेक्टेयर और सिंचित भूमि पर 17.500 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है। यह आंकड़ें छोटे किसान और लेनदारों की परिस्थिति के दृष्टिगत बहुत कम हैं। मातृ सदन पहुंचे किसानों ने बताया कि उनकी जमीन बाढ़ की भेंट चढ़ गई है, वे अभी भी मुआवजे से पूरी तरीके से वंचित हैं। उन्होंने किसानों की समस्याओं के लिए प्रत्येक ग्राम और ब्लॉक स्तर पर एक स्थाई समिति के गठन की मांग की है। गठित समिति किसानों की फसलों के नुकसान का सही आंकलन कर उचित मुआवजा प्रदान कर सके। बैठक में यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव इरशाद अली, राजेंद्र प्रसाद त्रिपाठी, विनोद कश्यप, डॉ. विजेंद्र चौहान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
