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ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्य सेवक सदन, देहरादून में ऊर्जा निगमों के कार्मिकों द्वारा आयोजित ’स्वागत एवं अभिनन्दन’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा ऊर्जा निगमों के कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। 

मुख्यमंत्री ने सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस अभिनंदन की असली हकदार उत्तराखण्ड की जनता है, जिन्होंने प्रदेश की सेवा करने का अवसर दिया। उन्होंने कहा कि ऊर्जा प्रदेश उत्तराखण्ड की मूल अवधारणा में था। उत्तराखण्ड को पॉवर सरप्लस राज्य बनाने के लिए सबको समन्वय के साथ आगे बढ़ना होगा।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार का राज्य सरकार को हर योजना पर सहयोग मिल रहा है। विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी रैंकिंग में यूपीसीएल ने विशेष श्रेणी डिस्कॉम में देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार, उत्तराखण्ड को ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए संकल्पित है। बिजली उत्पादन के लिए लखवाड़ बांध परियोजना, जमरानी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना औऱ देहरादून में आने वाले 50 सालों में पेयजल की समस्याओं को दूर करने के लिए सौंग बांध परियोजना पर कार्य गतिमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अत्याधुनिक जीआईएस (गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन) उप-केंद्रों की स्थापना भी जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाकर टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारदर्शिता लाने का कार्य किया गया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून शहर की बिजली लाइनें भूमिगत की जा रही हैं। यूपीसीएल द्वारा अत्याधुनिक ऑटोमेटेड डिमान्ड रिसपॉन्स सिस्टम के उपयोग से ओवरड्रॉ की स्थिति पर रियल टाइम पर नियंत्रण कर हर वर्ष करोड़ों रूपए की बचत की है।

मुख्यमंत्री ने कहा 2023 में देहरादून में विश्व स्तरीय आपदा प्रबंधन सम्मेलन आयोजित किया गया था। आपदाओं को रोका नहीं जा सकता पर आपदाओं के प्रभाव को कम किया जा सकता है, राज्य सरकार ने इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन वाले विकास के मॉडल को चुना है।  इकोनॉमी और इकोलॉजी के बीच समन्वय बनाकर ग्रीन एनर्जी के उत्पादन को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। 

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