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हरिद्वार में नकली दवाइयों का काला गोरखधंधे का खुला खेल, पुलिस जांच में जुटी

काली हरिद्वार । हरिद्वार में बड़े पैमाने पर नकली दवाइयों का काला गोरखधंधा हो रहा है । नकली दवाइयों का काम करने वाले कुछ लोग बड़े पैमाने पर इस काम को कर रहे हैं । सिडकुल पुलिस ने ऐसे ही एक मामले में मुकदमा दर्ज किया है। सिडकुल में एक कंपनी मैं बन रही फेवीपीरावीर दवा जोकि कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होती है। जिसे कोई अज्ञात व्यक्ति 400 से ज्यादा टेबलेट नकली बनाकर मार्केट में बेच रहा है। सिडकुल स्थित अश्वनी गर्ग की लाइफ मैक्स कैंसर लैबोरेट्रीज नाम से दवाई कंपनी है । अश्वनी को कुछ दिन पहले विक्रेता की शिकायत मिलने पर जब उन्होंने बैच नंबर चेक किया तो तब उन्हें पता लगा कि यह दवाइयां नकली है जो कोई और बना रहा है । जिसकी शिकायत उन्होंने सिडकुल थाने में की। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। हालांकि कुछ दिन पहले भी एक ऐसा ही मामला हरिद्वार में आया था जिसमें कोरोना महामारी में यूज होने वाले remdesivir इंजेक्शन जो कि नकली टैग लगा कर और शहरों में बेचे गए। ऐसे ही एक मामला कुछ वर्ष पुराना है हरिद्वार से ही दवाइयां किसी और शहर में गई हुई थी जिसे खाकर कई लोग मर गए थे। लेकिन सवाल यह है इसके पीछे कौन है जो पुलिस की पकड़ से बाहर है। हालांकि ड्रग इंस्पेक्टर अनीता भारती की सक्रियता ने इसे रोकने में काफी मदद की है।

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