हरिद्वार। श्रीअखंड परशुराम अखाड़ा अध्यक्ष अधीर कौशिक ने कहा कि
परशुराम त्रेता युग (रामायण काल) के ब्राह्मण थे। वह भगवान विष्णु के छठे
अवतार थे। भगवान परशुराम शस्त्र विद्या के श्रेष्ठ जानकार थे। जयंती पर
परशुराम घाट पर भगवान परशुराम की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की गई।
अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम की जयंती धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर
मध्य हरिद्वार स्थित गोविंदपुरी में श्री परशुराम घाट न्यास पर समिति के
सदस्यों ने परशुराम की प्रतिमा की प्रतिष्ठा की। ब्राह्मण समाज से जुड़े
लोगों ने पुराने रानीपुर मोड़ स्थित परशुराम चौक की भी सजावट की। गंगा
किनारे श्री परशुराम घाट पर सुबह से पूजा अर्चना शुरू हुई। पूजा-अर्चना
की समाप्ति के बाद पंडितों ने विधिविधान के साथ घाट पर भगवान परशुराम की
मूर्ति की प्रतिष्ठा की। श्री परशुराम घाट न्यास के अध्यक्ष पंडित
रविकांत शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम जयंती के अवसर घाट पर भगवान
परशुराम की मूर्ति की स्थापना की गयी है। इस अवसर पर पंडित अधीर कौशिक,
डॉ. राजेंद्र पराशर, मुकेश जोशी, डॉ. आरडी शर्मा, अमित कौशिक, अमित
शर्मा, देवेश शर्मा, कुलदीप शर्मा, एपी शर्मा, रमेश चंद शर्मा, अनूप जोशी
आदि मौजूद रहे।