Haridwar

महान दार्शनिक, संन्यासी, आयुर्वेद संस्कृत और वैदिक साहित्य के विशाल ज्ञान रखने वाले थे स्वामी परमानंद: कोठारी महंत दामोदर दास

हरिद्वार। हरेराम आश्रम के महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि ने स्वामी परमानंद के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म अविभाजित पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान में) प्रांत के शेखूपुरा जिले के ननकाना साहब में हुआ था। वे एक महान दार्शनिक, संन्यासी और संस्कृत और वैदिक साहित्य के विशाल ज्ञान रखने वाले थे।
मंगलवार को मायापुर स्थित श्रवणनाथ नगर स्थित स्वामी परमानंद आश्रम के ब्रह्मलीन महंत स्वामी परमानंद की 54 वीं पुण्यतिथि संतों व भक्तों द्वारा मनाई गई। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि की अध्यक्षता एवं आश्रम के वर्तमान महंत व अध्यक्ष, महंत/महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में पुष्पांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अनेक गण्यमान्य संतों व भक्तों ने भाग लिया एवं स्वामी परमानंद को पुष्प अर्पण कर श्रदृधांजलि अर्पित की। जिसमें महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद ने ब्रह्मलीन स्वामी परमानंद को एक महान संत बताते हुए कहा कि समाज की सेवा का प्रकल्प मात्र संतों का ही नहीं अपितु सभी गृहस्थी भक्तों का भी है ।
महंत श्रवण मुनि के अनुसार जो आत्मा के दर्पण को देखकर अपने जीवन को सुधारते हैं वो संत महापुरुष होते हैं एवं इन्हीं संतों का सानिध्य प्राप्त कर के हम अपना जीवन सुधारते हैं, ऐसे महापुरुष स्वामी परमानंद जिनके सानिध्य से ना केवल अनेक संतों की अपितु अनेक भक्तों व अनुयायियों की उतरतर वृद्धि हुई।
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम ने बताया कि स्वामी परमानंद एक महान संत थे। वे आयुर्वेद के भी ज्ञाता थे। उदासीन संत व तीर्थयात्रियों को आराम से रहने और संस्कृत की शिक्षा प्रदान करने के लिए एक जगह स्थापित करने के लक्ष्य से स्वामी ने “श्री स्वामी परमानंद आश्रम” की स्थापना हरिद्वार में की। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम जो सुख चाहो तो सेवा करो, सुख चाहो तो सुमिरन करो के मूल मंत्र को धारण करते हैं, इसी मूल उद्देश्य को पूर्ण करने के लिए स्वामी परमानंद आश्रम की महंताई का जो उत्तरदायित्व पूज्य भेग भगवान श्री पंचायती अखाड़ा ने उन्हें सौंपा है।
महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम का 27 सितंबर को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के संतों द्वारा तिलक चादर ओढ़ाकर स्वामी परमानंद आश्रम की महंताई व स्वामी परमानंदाश्रम ट्रस्ट समिति की सभी संतों की सर्व सम्मति से अध्यक्षता प्रदान की गयी थी।
इस मौके पर महामंडलेश्वर स्वामी हरीचेतनानंद, प्राचीन अवधूत मंडल आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी रूपेन्द्र प्रकाश महाराज, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास, श्रीमहंत स्वामी गंगा दास, उछाली आश्रम के महंत स्वामी विष्णु दास, महंत अर्जन दास, महंत प्रकाश मुनि, महंत सुतिक्षण मुनी, महंत स्वामी प्रकाश मुनि, महंत स्वामी श्रवण मुनि, राम शंकर आश्रम के कोठारी गोपाल मुनि, महंत स्वामी कमल दास महाराज आदि शामिल हुए।

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